Mr. Charan Singh |
आज हमारे देश में हजारों लोगों को पेट भरने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़ा और रहने के लिए घर नहीं मिलता है| प्रधानमंत्री के नाते मैं सबसे पहले देश की जनता की इन प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति कके लिए भरसक प्रयत्न करता| मजदूरों, कारीगरों आदि के कल्याण के लिए, सर्वांगीण विकास के लिए, तथा निम्न वर्ग की दशा सुधारने के लिए मैं विशेष आयोजन करता|
हमारे देश में आज प्रांतवाद और जातिवाद पनप रहे हैं| राजनितिक क्षेत्र में भ्रष्टचार बढ़ गया है| रिश्वतखोरी , काला बाजारी, तस्करी और दंगे-फसादों की कोई सीमा ही नहीं रही| यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो इन बुराइयों को दूर रखने के लिए कड़े से काम लेता किसी भी हालत में देश की एकता को बनाए रखता और देश की प्रगति के लिए जी जान से प्रयत्न करता|
बेकारी और गरीबी जैसी समस्याओं को हल करने के लिए छोटे-मोटे उद्यागों को प्रोत्साहन देता| निरक्षता दूर करने के लिए मैं उचित प्रबन्ध करता, भारत वासियों के स्वास्थ्य सुधार के लिए ठोस कदम उठाता , गाँवों की प्रगति के लिए पंचायतों को विशेष अधिकार देता, समाजसुधारकों और ग्राम सेवकों को भी प्रोत्साहित करता|इसका अतिरिक्त देश में वैज्ञानिक और तांत्रिक शिक्षण के लिए ठोस आयोजन करता|
मैं भारत का प्रधानमंत्री बन कर सभी देशों के साथ सहयोग तथा मित्रता का व्यवहार रखता और गुटबन्धी से अलग रहता|परमाणु-शास्त्रोंने पर विश्व्यापी प्रतिबन्ध लगवाने का पूरा समर्थन करता| मैं विद्यालयों में फौजी तालीम अनिवार्य करता और सुरक्षा की दृष्टी से देश को आत्मनिर्भर बनता| जहाँ तक हो सके, युद्ध से दूर रहता , फिर भी अन्यायिक आक्रमणों का मुँह-तोड़ जवाब देता|
मैं स्वयं अपनी सेवा कर्तव्यनिष्ठा से एक आदर्श प्रस्तुत करने का प्रयत्न करता| मैं विरोधी पक्षों के दृष्टीकोण को समझने की पूरी कोशिश करता और देश की समस्याओं को हल करने के लिए उनका सहयोग लेता| अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को मैं उनकी योग्यता के अनुसार उचित जिम्मेदारी सौपता, उस सब के प्रति मेरा व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण तथा निष्पक्ष होता, फिर भी किसी तरह भ्रष्टाचार मैं बरदास्त न करता| प्रधानमंत्री के नाते में अपना लक्ष्य देश को हर तरह से सुखी और समृद्ध बनाना चाहता|
काश ! मैं अपनी अभिलाषायों को पूर्ण कर पाऊँ|