October 12, 2013

हमारी पाठशाला का चपरासी | हिंदी निबंध

Peon
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पाठशाला एक ऐसा पवित्र स्थान हैं , जहाँ विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों का ज्ञान दिया जाता है| वहाँ जीवनोपयोगी बातें भी सिखाई जाती है ताकि विद्यार्थी अपने भावी जीवन में सफल नागरिक बनें, जीवन में ऊँचे-ऊँचे पद पाकर देश के कर्णधार बनें|

पाठशाला में तरह-तरह के कर्मचारी होते हैं| प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षकाएँ, कार्यालय के लिए क्लर्क तथा अन्य छोटे-मोटे कार्यो के लिए चपरासी होते हैं|

हमारी पाठशाला में सब मिलाकर दस चपरासी हैं| इनमें केशव नामक बड़े चपरासी का स्वाभाव बड़ा मीठा हैं| वह इस पाठशाला में २५ वर्षो से कार्य रहा है| वह विद्यालय की सभी कार्य-विधियों से भली-भाँति परिचित है| वह अपनी वफादारी और कार्यकुशलता के कारण बहुत लोकप्रिय है| स्कूल का प्रत्येक विद्यार्थी उसका नाम जानता है| हर महत्वपूर्ण दिन या उत्सव पर केशव की जरुरत पड़ती है| उसे मालूम है, कौन-सी चीज कहाँ रखी है|

वह पाठशाला के पास ही एक कमरे में रहता है| उसका वेतन अधिक नहीं है| अत: छोटे-मोटे अतिरिक्त कार्य कर कुछ आमदनी कर लेता है| वह पाठशाला के अन्य सभी चपरासियों का मार्ग-दर्शन करता है| उनमें काम का बाँटवारा करता है| वह हमेशा पाठशाला में समय से पहले हाजिर हो जाता है| पाठशाला छुटने के बाद साफ-सफाई आदि के कार्य का निरिक्षण करके अपने घर लौटता है| वह बड़ा कर्तव्य-पारायण है|

केशव पाठशाला का विश्वस्त चपरासी है| उसके ऊपर जिम्मेदारी के काम हैं| हजारों रुपये बैंक या सरकारी खजाने में पहुँचता है| बहुत से शिक्षक भी काम लेते है पर हिसाब-किताब में वह एक पैसे की भूल नहीं करता|

अध्यापकों और विद्यार्थियों के साथ उसका व्यवहार बहुत अच्छा है| इसलिए छात्र और अध्यापक भी उसका सम्मान करता हैं| अपने मातहत चपरासियों के प्रति भी उसका व्यवहार बड़ा मधुर है| इस प्रकार केशव चपरासी होते हुए भी हमारी पाठशाला रूपी परिवार का एक मुख्य सदस्य बन गया है|