October 13, 2013

मनोरंजन के आधुनिक साधन | हिंदी निबंध

manoranjan ke adhunik sadhan
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मानस एवं रंजन संस्कृत के इन शब्दों से व्युप्तन्न मनोरंजन शब्द का अर्थ है, मन की प्रसन्नता| बौद्धिक तथा शारीरिक श्रम के बाद मनुष्य मन ही मन थक जाता है| उस समय जैसे शारीरिक थकान मिटाने के लिए विश्राम और कुछ खाने की आवश्यकता होता है| वैसे ही मन की थकान मिटाने के लिए मनोरंजन की जरुरत होती है| मनोरंजन वास्तव में मन का 'टानिक' और शरीर के लिए संजीवनी सुधा है| सच तो यह है कि यदि मनोरंजन न हो तो मनुष्य और पशु में कोई अन्तर ही न रह जाय|
मनुष्य स्वाभाव से ही मनोरंजन प्रिय होता है मनोरंजन का इतिहास बहुत पुराना है| उसका सम्बन्ध मनुष्य की सभ्यता के साथ जुड़ा हुआ है| जैसे-जैसे वह सभ्य होता गया, वैसे-वैसे मनोरंजन के नये-नये साधनों की खोज करता गया| प्राचीन काल में गीत, संगीत, नृत्य तथा नाटक आदि से भी वे अपना मनोरंजन करतें थे| वे जुआ भी खेलते थे और अन्य अनेक क्रीड़ाओं में भाग लेते थे| पशु-पक्षियों की लड़ाई का आयोजन, अस्त्र-शास्त्र संचालन तथा घुड़सवारी आदि से भी वे मनोरंजन करते थे| विशिष्ट अवसरों पर सामूहिक रूप से उत्सव और त्यौहार मनाकर भी मनोरंजन कर लेते थे|

फिर मनोरंजन का इतिहास बदला| विज्ञान के साथ मनोरंजन के क्षेत्र में भी बहुत परिवर्तन हुए| वैज्ञानिकों ने मनोरंजन के नये-नये तरीके और साधन खोज निकाले| सबसे पहले ग्रामोफोने आया| उसने अपने गीतों से लोगों का मन बहलाना शुरू कर दिया| इसके बाद मनोरंजन की दुनिया में रेडियो और चलचित्र का आगमन हुआ| सिनेमा ने मनोरंजन की दुनिया में धूम मचा दी| इतना सस्ता और सुलभ मनोरंजन का और कोई साधन नहीं| वास्तव में संगीत, नृत्य, कहानी, वार्तालाप और अभिनय का जैसा सुन्दर समन्वय चलचित्र में मिलता है वैसा और कही नहीं| सिनेमा-हाल में बैठकर सभी प्रकार के लोग अपनी इच्छा के अनुसार आनंद प्राप्त कर सकते हैं| कुछ देर के लिए वे सभी चिन्ताओं से मुक्त होकर कल्पना के कमनीय लोक में खो जाते हैं| रेडियों से प्रसारित होने वाले गीतों और नाटकों से भी लोगों का मनोरंजन होता है|

दुरदर्शन तथा वीडियो मनोरंजन के आत्याधुनिक साधन है| दुरदर्शन ने तो मनोरंजन की दुनिया में एक नये युग का आरम्भ कर दिया है| उसने रेडियो और चलचित्र को भी मात दे दी है| इसे अगर हम जादू का पिटारा कहें तो इसमें अत्युक्त नहीं| दुरदर्शन पर सिर्फ समाचार ही नहीं, घर बैठे फिल्में, क्रिकेट और हाकी आदि के खेल भी देख सकते हैं| घर के बहार जाने और खरीदने की भी आवश्यकता नहीं| इसमें पैसे और समय दोनों की बचत होती है| दुरदर्शन के कर्योंक्रमों की कुछ शृंखलाएँ लोगों के दिल को जीत लेती हैं| प्रायोजित कार्यक्रम भी लोगों का अच्छा मनोरंजन करते हैं| वास्तव में दुरदर्शन मनोरंजन के क्षेत्र में विज्ञान का एक ऐसा अविष्कार है, जो सारी दुनिया का ह्रदय हार बन गया है|

इन वैज्ञानिक साधनों के आलावा नाटक, सर्कस, प्रदर्शनी आदि अनेक साधनों का उपयोग भी मनोरंजन के लिए होता है| क्रिकेट, हाकी और फुटबॉल जैसे खेलों में भी भाग लेकर और उन्हें देखकर लोग अपना मनोरंजन करते है| शतरंज, ताश, चौपड़, केरम आदि मनोरंजन के घरेलु साधन है| पढ़े-लिखे लोग उपन्यास, नाटक, लघुकथाएँ और पत्र-पत्रिकाओं द्वारा भी अपना मनोरंजन कर लेते हैं, इसे मनोरंजन के साथ उनका ज्ञानवर्धन भी होता है| मेलों, तमाशों और पर्यटनों से भी मनुष्य का मनोरंजन ही जाता है| फोटोग्राफी जैसे शौंक से लोगों का मन बहल जाता है|

इस प्रकार देखते है कि मनोरंजन का क्षेत्र बहुत व्यापक है| अपनी-अपनी रूचि के अनुसार लोग मनोरंजन के साधनों का उपयोग करते हैं| शहर को जो साधन प्राप्त हैं, वे गाँव वालों को नहीं| पर इन समस्त साधनों में एक बात समान्य है कि उनसे मनुष्य को आनंद मिलता है| उनका मनोविनोद होता है| वास्तव में इस आपाधापी के युग में हमारे व्यस्त जीवन को स्वस्थ रखने में मनोरंजन उतना ही आवश्यक है जितना हवा और पानी|