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कार्य करना करते रहना ही सफलता की पूंजी है| कार्य के पौधे पर ही सफलता के फूल खिलते हैं| सचमुच कार्य ही सच्ची पूजा है, कार्य ही सच्ची साधना है| किसान के कार्य से ही सबका पेट भरता है| मजदूरों के कार्य से ही कही कारखाने चलते है| चालको के कार्य से ही रेलगाड़ियाँ और विमान लाखों लोगो को दूर-दूर ले जाते है और आवश्यक वस्तुओं की हेर-फेर होती है| अस्पतालों में डाक्टरों और नर्सो का श्रम ही रोगियों को नया जीवन देता है| विद्यार्थी श्रम करके ही विद्या एवम् योग्यता प्राप्त करते है| कार्य में रत रहकर ही बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने अदभुत अविष्कार किए है| काम करके ही कलाकारों ने अदभुत कला की सृष्टि की है| श्रम के बल पर ही मनुष्य विज्ञान में आगे बढ़ा है, चाँद पर पहुँच सका है| सभ्यता और संस्कृति के विकास के मूल में कार्य ही है|
कार्यरहित जीवन पशु के जीवन से भी गया बिता है| आलसी और कामचोर मनुष्य बिना सिंग और पूँछ का पशु ही है| ऐसा आदमी धरती पर भार के समान है| घर, परिवार, समाज और राष्ट्र के जीवन उसका कोई महत्त्व नहीं है| काम से जी चुरानेवाले ही चोर, जेब कतरे एवम् ठग बनते हैं| ऐसे लोग समाज के कलंक हैं|
कभी भी किसी के कार्य को तुच्छ नहीं समझना चाहिए| प्रत्येक व्यक्ति ऐसा समझता है कि शायद उसके ऊपर ही सबसे अधिक कार्य का वोझ है परन्तु ऐसा कदापि नहीं है| कार्य करने वाले के पास सारी सफलताएँ खुद दौड़कर आती हैं| लगातार कार्य करने से असफलता भी सफलता में बदल जाती है| गांधीजी, नेहरूजी, लिंकन, लेनिन, न्यूटन आदि कार्य करके ही सामान्य व्यक्ति से महापुरुष बने थे| कार्य वह पारसमणी है, जिसे छूकर साधारण आदमी भी लोहे से सोना बन जाता है|