September 19, 2013

मेरी प्रिय ऋतू -बसंत | हिंदी निबंध

बसंत ऋतू का आगमन तब होता है, जब कि शीत को प्रकोप दूर हो जाता है|वातावरण में ठंडक मात्र रह जाती है| शीतलता असह्य नहीं होती तथा वातावरण सुहावना होता है| सभी लोग दो मास तक असह्य और प्रबल शीत के वातावरण से परेशान रहते हैं| ऐसा समय बसंत ऋतू एक नयी उमंग और उत्साह भरा संदेश ले आती है|
बसंत-ऋतू-Spring-season
Image: http://goo.gl/DYuwG9 

कठोर शीतलता के कारन पेड़ों के पत्ते झड जाते हैं| उनकी शाखाओं की फुनगियों पर लाल लाल कोपले फुट पड़ती है| प्रकृति में एक नया उत्साह छा जाता है| वन-उपवन की शोभा में चार चाँद लग जाते है|

बर्फीले पहाड़ों से बर्फ पिघलने लगती है| बाग-बगीचे, घाटिया और पर्वतीय प्रदेश नाना प्रकार के फूलो से महकने लगते हैं| रंगबिरंगे सुगन्धित फूलों की शोभा से आकर्षित होकर भौरे मंडराने लगते है| हरे कोमल पत्ते और फुल देखर मयूर-मन नाच उठता है |प्रकृति का कोना-कोना विविध सौन्दर्य से सज जाता है| इसलिए बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है|

विशेष कर गाँव में नविन उल्हास दिखाई देती है| सखी सहेलियाँ मिलकर पेड़ों पर झूले डालकर हर्षोल्लास में गीत गाती है और विभिन्न प्रकार के नृत्यों से ग्रामीण जीवन को प्रफुल्लित कर देती हैं| उनके गीतो में प्रीतम को बुलाने का संदेश होता है|खेतों में पेधों को पूर्ण में पका देखकर किसान का मन भी आनंदित होता है| कठोर शीत के बाद बाँट की बहार आती है, जो प्रतेक नर-नारी के दुःख और पीड़ा को दूर कर उनमें नयी उमंग और आशा भर देती है|

वसंत ऋतू में खट्टे-मिठे रसदार अनेक फल उपलब्ध होते है| नीबूं, मुसंबी, संतरा, आम, जामुन, बेर, आँवला, इमली आदि खाने में बड़ा मजा आता है| अनेक प्रकार के शरबत और अमरस पिने में मन बहलने लगता है| बसंत ऋतू में अनेक प्रकार के अचार घर में बनाये जाते है|

बसंत ऋतू हमें आशावादी बनाने का संदेश देती है| वह हमें प्रफुल्लित और उत्साही बनने की प्रेरणा देती है| वह संदेश दी है की सब दिन एक समान नहीं होते| दुःख और पीड़ा की घड़ी के बाद सुख चैन का समय भी आता है , अंत: हर कठिन परिस्थिति का प्रसन्न चित्त से मुकाबला करना चाहिए|